प्रार्थना गीत
प्रार्थना गीत जिसमें ख़ुशबू है मेरे आँगन के फूलों की और है गगन का विस्तार ऊर्जा है… तपन है… सूर्य की गर्मी की धरती का गहन सौन्दर्य है सागर की पवित्रता है… और है प्रेम… जो फैला है इंद्रधनुष सा… सतरंगी सपनों सा… यहाँ वहाँ… इधर उधर… क्षितिज तक… यही गीत है प्रार्थना है… तुम जियो हज़ारों साल... साल के दिन हों पचास हज़ार...